रोहड़ू. आर्थिक और जातिगत जनगणना के कार्यक्रम से स्वास्थ्य विभाग ने 14 कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। दो दिनों
का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद इन कर्मचारियों को वापस बुलाए जाने के बाद काम को
पूरा करने के लिए आनन-फानन में राजस्व विभाग को पटवारियों को अतिरिक्त कार्यभार
सौंपना पड़ा है।
काम का अतिरिक्त बोझ
स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऐन वक्त पर जनगणना से पीछे हट जाने के बाद राजस्व विभाग को इस काम के लिए पटवारियों को नियुक्त करना पड़ा है। पहले ही एग्रीकल्चर सर्वे का अतिरिक्त काम कर रहे पटवारियों को अब आर्थिक व जातिगत सर्वे का काम भी करना पड़ रहा है। राजस्व विभाग के कई अहम कामों और आम लोगों के जरूरी प्रमाण पत्रों के बनाने के साथ अब पटवारियों को दो अतिरिक्त काम करने पड़ रहे हैं।
क्या है मामला
देश भर में चल रहे सर्वे के लिए सरकार ने सभी सरकारी विभागों से कर्मचारियों को तैनात करने के निर्देश दिए थे। जिलाधीश कार्यालय की तरफ से मिले निर्देशों के आधार पर रोहड़ू के चार्ज ऑफिसर ने स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारियों की तैनाती के बारे में पत्र लिखा और कार्यक्रम की जानकारी दी। बीएमओ रोहड़ू ने पत्र के जवाब में 14 कर्मचारियों की सूची चार्ज अधिकारी को भेजी जिसके आधार पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कर्मचारियों को वापस बुलाने के स्वास्थ्य विभाग के फैसले ने विभाग की कार्य प्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है। विभाग को यदि कर्मचारियों को इस काम के लिए तैनात नहीं करना था तो इन कर्मचारियों की सूची चार्ज अधिकारी को क्यों दी गई और इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए क्यों भेजा गया।
जनगणना कार्यक्रम के आदेश देरी से मिले। आदेशों से मालूम हुआ कि जनगणना कार्यक्रम 40 दिनों तक चलना है। इसके कारण डॉट्स, टीकाकरण जैसे कार्यक्रम प्रभावित होते। इस कारण वापस बुलाना पड़ा।
डॉ. संजय पाठक, बीएमओ टिक्कर
हम हर वक्त काम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का अतिरिक्त कार्यभार अंतिम समय में पटवारियों को सौंपा गया है।
हरदयाल ठाकुर, अध्यक्ष पटवार एवं कानूनगो संघ रोहड़ू
http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-census-workers-returned-2587366.htmlकाम का अतिरिक्त बोझ
स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऐन वक्त पर जनगणना से पीछे हट जाने के बाद राजस्व विभाग को इस काम के लिए पटवारियों को नियुक्त करना पड़ा है। पहले ही एग्रीकल्चर सर्वे का अतिरिक्त काम कर रहे पटवारियों को अब आर्थिक व जातिगत सर्वे का काम भी करना पड़ रहा है। राजस्व विभाग के कई अहम कामों और आम लोगों के जरूरी प्रमाण पत्रों के बनाने के साथ अब पटवारियों को दो अतिरिक्त काम करने पड़ रहे हैं।
क्या है मामला
देश भर में चल रहे सर्वे के लिए सरकार ने सभी सरकारी विभागों से कर्मचारियों को तैनात करने के निर्देश दिए थे। जिलाधीश कार्यालय की तरफ से मिले निर्देशों के आधार पर रोहड़ू के चार्ज ऑफिसर ने स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारियों की तैनाती के बारे में पत्र लिखा और कार्यक्रम की जानकारी दी। बीएमओ रोहड़ू ने पत्र के जवाब में 14 कर्मचारियों की सूची चार्ज अधिकारी को भेजी जिसके आधार पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कर्मचारियों को वापस बुलाने के स्वास्थ्य विभाग के फैसले ने विभाग की कार्य प्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है। विभाग को यदि कर्मचारियों को इस काम के लिए तैनात नहीं करना था तो इन कर्मचारियों की सूची चार्ज अधिकारी को क्यों दी गई और इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए क्यों भेजा गया।
जनगणना कार्यक्रम के आदेश देरी से मिले। आदेशों से मालूम हुआ कि जनगणना कार्यक्रम 40 दिनों तक चलना है। इसके कारण डॉट्स, टीकाकरण जैसे कार्यक्रम प्रभावित होते। इस कारण वापस बुलाना पड़ा।
डॉ. संजय पाठक, बीएमओ टिक्कर
हम हर वक्त काम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का अतिरिक्त कार्यभार अंतिम समय में पटवारियों को सौंपा गया है।
हरदयाल ठाकुर, अध्यक्ष पटवार एवं कानूनगो संघ रोहड़ू
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