सलूणी — सलूणी तहसील कार्यालय से बिजली के बिल के
तौर पर 72 हजार रुपए की देनदारी स्टैंड पड़ी
हुई है। बिजली बोर्ड के बार-बार के पत्राचार के बावजूद तहसील कार्यालय ने पेंडिंग
बिल की अदायगी को लेकर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया। तहसील कार्यालय के रवैये को
देखते बोर्ड के सहायक अभियंता टीआर चौधरी ने
मामले को कार्रवाई हेतु उच्चाधिकारियों को भेज दिया है। उच्चाधिकारियों के आदेशों
के बाद ही आगामी कदम उठाए जाएंगे। उधर, बताया जा रहा है कि बजट के अभाव के कारण तहसील कार्यालय के
बिजली के बिल का भुगतान नहीं हो पाया है। बताते चलें कि बिजली बोर्ड ने इन दिनों
पेंडिंग बिलों की उगाही के लिए बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है। इसी कवायद के
पहले चरण में 199 डिफाल्टर उपभोक्ताओं के कनेक्शन
काटने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। माना जा रहा है कि दूसरे चरण में बिजली बोर्ड
के पैसों पर कंुडली मारे बैठे सरकारी कार्यालय भी इस फेर में आ सकते हैं और ऐसे
डिफाल्टर सरकारी कार्यालयों के कनेक्शन भी काटे जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि अरसे से सलूणी तहसील कार्यालय ने बिजली के बिल का भुगतान नहीं
किया है और बढ़ते- बढ़ते बिजली का बिल 72 हजार रुपए पहंुच गया है। बिल के
बढ़ते अमाउंट को देखते हुए बिजली बोर्ड ने उगाही के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
तहसील कार्यालय के ढुलमुल रवैये को देखते हुए मामले को बोर्ड के उच्चाधिकारियों को
भेज दिया गया है। दूसरी ओर, तहसीलदार सलूणी प्रताप ठाकुर ने बताया कि बजट न होने के कारण
बिजली के बिल का भुगतान नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि बजट का प्रावधान होते
ही बिल का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने माना है कि सरकारी मानकों के तय बजट से
अधिक बिजली का बिल आ रहा है।
March 19th, 2012
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