शिमला। प्रदेश की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने सोमवार को पंजाब की तर्ज पर वेतन में बढ़ोतरी न होने के विरोध में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। माकपा के बैनर तले यूनियन ने पहले पंचायत घर में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद महिलाएं एकजुट होकर विधानसभा पहुंची। यूनियन ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
केंद्र की राशि में कटौती
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की यूनियन अध्यक्ष इंदिरा ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में 1500 और सहायिकाओं के वेतन में 700 रुपए की बढ़ोतरी की थी, लेकिन सरकार ने कार्यकर्ताओं के वेतन में 300 रुपए और सहायिकाओं के वेतन में 200 रुपए की कटौती कर दी।
मुख्यमंत्री ने कटौती बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। यूनियन ने प्रदेश सरकार से पंजाब की तर्ज पर वेतन बढ़ाने की मांग की है। महासचिव सरोज शर्मा ने कहा कि पंजाब में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5000 जबकि सहायिकाओं को 4000 रुपए मासिक वेतन मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में यह वेतन क्रमश: 1800 और 900 रुपए है।
Courtesy : http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-himachal-punjab-assembly-lines-laid-siege-pay-2967954.html
केंद्र की राशि में कटौती
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की यूनियन अध्यक्ष इंदिरा ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में 1500 और सहायिकाओं के वेतन में 700 रुपए की बढ़ोतरी की थी, लेकिन सरकार ने कार्यकर्ताओं के वेतन में 300 रुपए और सहायिकाओं के वेतन में 200 रुपए की कटौती कर दी।
मुख्यमंत्री ने कटौती बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। यूनियन ने प्रदेश सरकार से पंजाब की तर्ज पर वेतन बढ़ाने की मांग की है। महासचिव सरोज शर्मा ने कहा कि पंजाब में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5000 जबकि सहायिकाओं को 4000 रुपए मासिक वेतन मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में यह वेतन क्रमश: 1800 और 900 रुपए है।
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