सोलन- राजस्व विभाग में कार्यरत आकस्मिक ग्रामीण
राजस्व अधिकारी, जो सरकार द्वारा अप्रैल, 2005 में तैनात किए गए हैं, उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
इतना ही नहीं सरकार द्वारा इन्हें महज 4800 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है, जिससे गुजारा करना बहुत मुश्किल
है। भू-व्यवस्था ग्रामीण राजस्व अधिकारी संघ की बैठक प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम सिंह
गुलेरिया की अध्यक्षता में रविवार को हुई, जिसमें उन्होंने उक्त आरोप लगाया। संघ
द्वारा बैठक में सरकार से मांग की गई कि उक्त शोषित कर्मचारियों को स्थायी
नियुक्ति प्रदान की जाए। महंगाई के इस दौर में महज 4800 रुपए में परिवार का पालन-पोषण किया जाना
मुश्किल है।
March 19th,
2012
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