शिमला— राज्य सरकार ने 30 वर्ष से अधिक आयु के
बेरोजगारों को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकारी (एचएएस) बनने का अवसर प्रदान किया
है। सरकार ने नियमों में संशोधन करके सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा
30
से
बढ़ाकर 35 वर्ष की है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा
वर्ग, विकलांग, स्वतंत्रा सैनानी के बच्चों के लिए अधिकतम आयु
में पांच वर्ष की छूट देकर इसे 40 वर्ष किया गया है। इसी प्रकार प्रदेश
सरकार के विभिन्न विभागों, सरकार के अधीन चल रहे बोर्ड/निगमों में सेवारत व
न्यायालय कर्मियों को एचएएस बनने के लिए अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी
गई है। यानी अब सरकारी क्षेत्र में कार्यरत 42 वर्ष के कर्मचारी भी
एचएएस परीक्षा के लिए आवेदन कर पाएंगे। इससे राज्य के हजारों प्रशिक्षित
बेरोजगारों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि हजारों बेरोजगार ऐसे थे,जो कि वर्षों
से एचएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा आयु सीमा घटा देने से
वे एचएएस परीक्षा के लिए आवेदन से महरूम रह गए थे। उल्लेखनीय है कि लोक सेवा आयोग
ने पहली जनवरी, 2012 को एचएएस परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया था।
इसमे सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष,आरक्षित
वर्गों के लिए 35 वर्ष तथा सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकतम आयु
सीमा 37 वर्ष विज्ञापित की गई थी। इसका प्रदेश भर में विरोध किया गया
और एचएएस प्रवेश परीक्षा के लिए आयु सीमा पहले की तरह रखने की मांग उठने लगी।
सरकार ने बीते सोमवार को नियमों में संशोधन करके सभी वर्गों की अधिकतम आयु में
पांच वर्ष की छूट प्रदान की है। अब लोक सेवा आयोग ने ऐसे सभी अभ्यर्थियों से 15 जून के दिन 12 बजे तक आवेदन
आमंत्रित किए हैं,जो कि अधिकतम आयु की शर्त थोप देने की वजह से आवेदन करने में
महरूम रह गए थे। सामान्य वर्ग में 30 वर्ष से कम, आरक्षित वर्ग
में 35 वर्ष से कम तथा सरकारी क्षेत्र में सेवारत 37 वर्ष से कम
आयु वर्ग के कर्मियों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे, क्योंकि
इन्हें पहले ही मौका दिया जा चुका है। लोक सेवा आयोग के सचिव मोहन चौहान ने बताया
कि सरकार ने नियमों में संशोधन करके अधिकतम आयु में पांच वर्ष की छूट प्रदान की
है।
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