हि.प्र. के 106 सेटलमेण्ट पटवारी पक्की नौकरी के इंतजार में
कुल्लू — प्रदेश के दैनिक भू-व्यवस्था पटवारियों की हालत दयनीय बनी हुई है। प्रदेश सरकार द्वारा दैनिक भू-व्यवस्था पटवारियों को मात्र 153 रुपए दिहाड़ी दी जा रही है, जिससे बढ़ती महंगाई में उनको अपना परिवार पालना मुश्किल हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 1996-97 बैच के लगभग106 भू-व्यवस्था पटवारी नियमित होने के इंतजार में बैठे हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के लगभग 106 भू-व्यवस्था पटवारियों को नियमों के अनुसार पक्का हो जाना चाहिए था। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में इनके करीब100 पद खाली पड़े हुए हैं, वहीं पिछले तीन वर्षों में इन पदों को भरने की कोई कोशिश नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि दैनिक भू-व्यवस्था पटवारियों को मात्र 153 रुपए की दिहाड़ी दी जा रही है। तथा काम उनसे दबाकर लिया जा रहा है। प्रदेश सरकार के शोषण का शिकार हो रहे दैनिक भू-व्यवस्था पटवारियों में काफी रोष बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार इनको महीने का वेतन करीब पांच हजार रुपए नसीब हो रहा है। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा कांट्रैक्ट पर रखे गए ऐसे पटवारियों को लगभग आठ हजार रुपए महीना वेतन दिया जा रहा है। दैनिक भू-व्यवस्था पटवारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार उनका शोषण करने में लगी हुई है, वहीं 1996-97 बैच के एसे पटवारियों को खाली पड़े पदों पर नियमित रूप से नियुक्त नहीं कर रही है। ऐसे पटवारियों द्वारा विभाग संबंधी काम तो पूरा किया जा रहा है, लेकिन उनको अन्य पटवारियों की तरह सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। उक्त मामले में शोषित हो रहे ऐसे पटवारियों का भविष्य भी अंधकार में होता जा रहा है। ऐसे पटवारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा यह बहाना बनाया जा रहा है कि नियमित होने के लिए आठ वर्ष की नौकरी का होना जरूरी है। ऐसे पटवारी वर्ग का तर्क है कि पहले भी बैचवाइज नियमित नियुक्तियां होती रही हैं तथा पिछले तीन वर्षों से इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लग्भग 100 पद प्रदेश में खाली पड़े हुए हैं। भू-व्यवस्था पटवारियों कानूनगो संघ कांगड़ा मंडल हिमाचल प्रदेश के प्रधान भुवनेश्वर कुमार शर्मा ने बताया कि संघ की बैठक में प्रस्ताव पास करके सरकार से मांग की गई है कि खाली पड़े पदों पर विभाग में कार्यरत आकस्मिक पटवारियों को पूर्व निर्धारित समिति के अनुसार नियमित किया जाए।
October 25th, 2011
Courtesy : http://www.divyahimachal.com/himachal-latest-news/106-%E0%A4%AA%E0%A4%9F%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A5%8C%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A4/
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