To view notification of Dearness Allowance w.e.f. Jan 2012
डीए
मिला, पर ग्रेड-पे लटकी
शिमला — स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य के
कर्मचारियों को सात फीसदी महंगाई भत्ते (डीए)की किस्त का तोहफा दे दिया है। ग्रेड-पे
की मुख्य मांग फिर भी अधूरी ही रही है। विस चुनाव की आहट में राज्य के पौने तीन
लाख कर्मचारी ग्रेड-पे की आस लगाए बैठे थे। कर्मचारियों की यह आस अधूरी ही रही है।
ग्रेड-पे न मिलने से कर्मचारियों को मायूसी ही हाथ लगी है। राज्य के कर्मचारियों व
पेंशनधारकों को जनवरी-2012 से
देय सात प्रतिशत महंगाई भत्ता देने से सरकारी खजाने पर 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
कर्मचारियों को साल में दो दफा डीए की किस्त मिलती है। सरकार ने जो किस्त
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जारी की है, वह
जनवरी से लंबित थी। सरकार ने कर्मचारियों को डीए की एक किस्त दी तो, वहीं जून महीने की दूसरी किस्त भी लंबित हो गई
है। पिछली 18 जुलाई को आयोजित जेसीसी की
बैठक में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की 72 मांगों
में से 37 मांगे पूरी हो गई थी। इसके
बाद सरकार ने डीए का तोहफा भी कर्मचारियों को दे दिया है। कर्मचारियों की मुख्य
मांग ग्रेड-पे, पंजाब पैटर्न पर भत्ते, कंपनसेटरी अलाउंस, सचिवालय भत्ते की तर्ज पर स्पेशल अलाउंस, हाउस रेंट में संशोधन जैसी मांगों पर सरकार ने
गौर ही नहीं किया है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें डीए सहित भत्तों में
संशोधन करने पर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन
वित्तीय स्थिति के अनुरूप सरकार कर्मचारियों
की
केवल एक ही मांग को पूरी कर सकी। ऐसे में राज्य के कर्मचारियों में भारी रोष है।
सरकार पेंशनरों के लिए भी कोई बड़ी घोषणा नहीं कर सकी। राजकीय विश्राम गृहों में
पेंशनधारकों से भी सरकारी कर्मचारियों के समान ही चार्जिज की घोषणा सहित उनके
लंबित चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए आठ करोड़ रुपए स्वीकृत किए।
August
17th, 2012
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